🚀 हिमाचल की आर्थिक उड़ान: प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से ₹22,653 अधिक
UNDP की रिपोर्ट: राज्य में हर व्यक्ति कमा रहा ₹2,57,512, जबकि देश का औसत ₹2,34,859
EPN World विशेष
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) की नवीनतम मानव विकास सूचकांक (Human Development) रिपोर्ट ने हिमाचल प्रदेश की आर्थिक प्रगति को उजागर किया है। यह छोटा पहाड़ी राज्य लंबे समय से प्रति व्यक्ति आय के मामले में पूरे देश में अपनी छाप छोड़ता रहा है और एक बार फिर इसने राष्ट्रीय औसत को पीछे छोड़ दिया है।
💡 मानव विकास सूचकांक (HDI) क्या है?
मानव विकास सूचकांक (HDI) एक सांख्यिकीय समग्र सूचकांक है जिसका उपयोग देशों को उनके समग्र विकास के स्तर के आधार पर क्रमबद्ध करने के लिए किया जाता है। इसे संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा प्रतिवर्ष प्रकाशित मानव विकास रिपोर्ट (Human Development Report) में शामिल किया जाता है।
इस सूचकांक का निर्माण 1990 में पाकिस्तानी अर्थशास्त्री महबूब उल हक और भारतीय अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन द्वारा किया गया था। इसका उद्देश्य आर्थिक विकास (केवल प्रति व्यक्ति आय) के बजाय मानव कल्याण में सुधार के आधार पर विकास का मूल्यांकन करना था।
📏 HDI के आयाम और संकेतक (Dimensions and Indicators)
HDI किसी देश में मानव विकास को मापने के लिए तीन मुख्य आयामों पर ध्यान केंद्रित करता है। प्रत्येक आयाम को मापने के लिए एक विशिष्ट संकेतक का उपयोग किया जाता हैं।
HDI का मूल्य प्रत्येक घटक के लिए निर्धारित न्यूनतम और अधिकतम 'गोलपोस्ट' के अनुसार, ज्यामितीय औसत (geometric mean) से प्राप्त होता है। अंतिम सूचकांक 0 से 1 के बीच होता है; जितना अधिक स्कोर, उतना अधिक विकास माना जाता है।
ताज़ा आँकड़े (वर्ष 2024-25)
* हिमाचल की प्रति व्यक्ति आय: ₹2,57,512
* देश की प्रति व्यक्ति आय: ₹2,34,859
* अंतर: हिमाचल की आय राष्ट्रीय औसत से ₹22,653 अधिक है।
* वृद्धि: पिछले वित्त वर्ष की तुलना में हिमाचल की आय में 9.6% की उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
🔑 आय बढ़ने के कारण
हिमाचल की इस बेहतर आर्थिक स्थिति के पीछे कई कारक हैं, जिनमें उत्तराखंड, महाराष्ट्र, निर्माण कार्य (Construction), और सर्विस सेक्टर (सेवा क्षेत्र) जैसे पर्यटन का बड़ा योगदान है।
💰 जिलों में आय का हाल: सोलन अव्वल, कांगड़ा फिसड्डी
मानव विकास सूचकांक रिपोर्ट-2025 ने जिलों की कमाई के जो आँकड़े पेश किए हैं (ये आँकड़े मुख्य रूप से वर्ष 2022-23 के हैं), वे काफी दिलचस्प हैं:
सबसे अमीर जिला: सोलन प्रति व्यक्ति आय के मामले में पहले स्थान पर है। इसका मुख्य कारण यहाँ उद्योगों की बहुलता के साथ-साथ टमाटर और मशरूम जैसे उत्पादों का भारी उत्पादन है। सोलन जिले की आय आठ लाख रुपये प्रति व्यक्ति आँकी गई है।
* दूसरे स्थान पर: सोलन के बाद लाहौल-स्पीति (करीब तीन लाख रुपये प्रति व्यक्ति) और सिरमौर (आठ लाख रुपये से कुछ कम) का नंबर आता है। इन जिलों की कम जनसंख्या घनत्व इनकी समृद्धि का प्रमुख कारण है।
* अन्य प्रमुख जिले: किन्नौर की आय भी सिरमौर के करीब है, जबकि शिमला जिला पाँचवें स्थान पर है, जहाँ यह आँकड़ा दो लाख रुपये के करीब है।
* अंतिम पायदान: प्रदेश का सबसे बड़ा जिला कांगड़ा प्रति व्यक्ति आय के हिसाब से सबसे नीचे है। इसकी बड़ी आबादी और खेती-किसानी पर अत्यधिक निर्भरता इसका मुख्य कारण है। आय को प्रभावित करने वाले अन्य कारक जनसंख्या घनत्व, उद्योग का स्तर, पर्यटकों की संख्या और प्राकृतिक संसाधनों तक पहुँच हैं।
* शेष जिले: कुल्लू, ऊना, बिलासपुर, चंबा, मंडी, और हमीरपुर का स्थान बाद में आता है, जहाँ 2022-23 में प्रति व्यक्ति आय लाखों रुपये थी।

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